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स्कोडा और फॉक्सवैगन की 47,285 गाड़ियाँ वापस बुलाई गईं – रियर सीट बेल्ट में डिफेक्ट, जानिए किन मॉडल्स पर असर ??

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🔹 परिचय: ग्राहक सुरक्षा बनी सर्वोच्च प्राथमिकता

कार निर्माता कंपनियाँ अक्सर ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपने वाहनों में पाई गई तकनीकी खामियों को सुधारने के लिए रिकॉल (Recall) करती हैं। ऐसा ही एक बड़ा कदम स्कोडा और फॉक्सवैगन ने उठाया है। दोनों कंपनियों ने 47,285 गाड़ियों को वापस बुलाया है, क्योंकि उनमें रियर सीट बेल्ट प्री-टेंशनर में तकनीकी खामी पाई गई है।

यह रिकॉल न सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से ज़रूरी है, बल्कि इससे कंपनियों की ज़िम्मेदार ब्रांड इमेज भी सामने आती है।

🔹 रिकॉल की वजह क्या है?

कंपनियों द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, रियर सीट बेल्ट प्री-टेंशनर (rear seat belt pretensioner) में एक मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट पाया गया है। यह हिस्सा किसी दुर्घटना के दौरान सीट बेल्ट को कसकर यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

यदि यह हिस्सा ठीक से काम नहीं करता, तो दुर्घटना के समय यात्री की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

🔹 कौन-कौन से मॉडल प्रभावित हैं?

स्कोडा ऑटो इंडिया और फॉक्सवैगन इंडिया द्वारा बताए गए 5 मॉडल्स इस रिकॉल में शामिल हैं:

स्कोडा:

  1. Skoda Slavia

  2. Skoda Kushaq

फॉक्सवैगन:

ये गाड़ियाँ 2022 और 2023 के बीच बनी हैं।


🔹 क्या ग्राहकों को कुछ भुगतान करना होगा?

नहीं, यह रिकॉल पूरी तरह से फ्री ऑफ कॉस्ट है। प्रभावित ग्राहकों को किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।

रियर सीट बेल्ट प्री-टेंशनर को कंपनी द्वारा नए और सुरक्षित पार्ट से बदल दिया जाएगा।



🔹 क्या आपकी गाड़ी भी प्रभावित है? ऐसे करें चेक

ग्राहक निम्नलिखित तरीकों से अपनी गाड़ी की स्थिति की जांच कर सकते हैं:

  1. ब्रांड की वेबसाइट पर जाएं
     स्कोडा और फॉक्सवैगन दोनों की आधिकारिक वेबसाइट पर “रिकॉल चेक” का विकल्प दिया गया है। यहां आप अपने वाहन का VIN (Vehicle Identification Number) डालकर जांच सकते हैं।

  2. कस्टमर केयर से संपर्क करें

    1. स्कोडा: 1800-123-090909

    1. फॉक्सवैगन: 1800-102-0909

  3. SMS और Email अलर्ट
     कंपनी द्वारा संबंधित ग्राहकों को SMS और ईमेल के ज़रिए सूचना भेजी जा रही है।


🔹 क्या ड्राइविंग करना सुरक्षित है?

यदि आपकी गाड़ी इस रिकॉल में आती है, तो जब तक सीट बेल्ट को बदलवाया नहीं जाता, रीयर सीट पर बैठने से बचना बेहतर होगा।

हालांकि कंपनियों ने कहा है कि यह समस्या किसी दुर्घटना की स्थिति में ही असर डालती है, फिर भी सावधानी बरतना जरूरी है।


🔹 रिकॉल का असर ब्रांड पर कैसा पड़ेगा?

सुरक्षा से जुड़ी किसी भी खामी का खुलासा होना किसी ब्रांड के लिए नकारात्मक माना जाता है, लेकिन समय रहते की गई पारदर्शी कार्रवाई ग्राहकों का भरोसा बनाए रखती है।

फॉक्सवैगन और स्कोडा दोनों ही ब्रांड्स ने यह दिखाया है कि वे ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, भले ही उन्हें इसके लिए लाखों गाड़ियाँ वापस बुलानी पड़ें।


🔹 निष्कर्ष: ग्राहक सुरक्षा पहले, ब्रांड की छवि बाद में

47,285 गाड़ियों का रिकॉल एक बड़ी बात है, लेकिन उससे भी बड़ी बात है कि कंपनियाँ अपनी गलती को स्वीकार कर, फ्री रिप्लेसमेंट जैसे समाधान दे रही हैं।

यदि आपकी गाड़ी इस लिस्ट में आती है, तो देरी न करें—निकटतम सर्विस सेंटर जाकर फ्री रिपेयर करवाएं। यह न सिर्फ आपकी, बल्कि आपके परिवार की सुरक्षा से भी जुड़ा मामला है।


📌 महत्वपूर्ण:

“गाड़ी कितनी महंगी है, ये मायने नहीं रखता; उसमें बैठने वालों की सुरक्षा सबसे जरूरी होती है।”

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