
बॉलीवुड के “मिस्टर परफ़ेक्शनिस्ट” आमिर ख़ान ने 2013 से 2016 के बीच जो करिश्मा दिखाया, वह आज भी इंडस्ट्री के लिए बेंचमार्क है। इस अवधि में रिलीज़ हुई उनकी तीन फ़िल्मों—धूम 3 (2013), पीके (2014) और दंगल (2016)—ने मिलकर दुनियाभर से करीब 3420 करोड़ रुपये का बॉक्स-ऑफ़िस कलेक्शन किया, जो हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।
1️⃣ धूम 3 (2013) – ₹558 करोड़ का तूफ़ान
यशराज फ़िल्म्स की मशहूर फ़्रेंचाइज़ी में आमिर ने डबल रोल निभाकर दर्शकों को चौंका दिया। शानदार बैंक-हीस्ट प्लॉट, विज़ुअल इफेक्ट्स और “क़मरिय” जैसे चार्ट-बस्टर गानों ने फ़िल्म को मसाला एंटरटेनर बना दिया। घरेलू + ओवरसीज़ कलेक्शन मिलाकर ₹558 करोड़ का आंकड़ा उस समय नई ऊंचाई था, जिसने आमिर की स्टार-पावर फिर साबित कर दी।
क्यों थी ख़ास?
- पहली बार “सर्कस-थीम” पर हाई-बजट स्टंट
- आमिर का जिमनास्टिक-प्रेपरेशन और एब्स-लुक
- IMAX रिलीज़ का एडवांटेज
2️⃣ पीके (2014) – ₹792 करोड़ और कंटेंट का जादू
राजकुमार हिरानी की इस सैटायर-कॉमेडी में आमिर ने एक भोले-भाले एलियन ‘पीके’ का किरदार निभाकर धार्मिक अंधविश्वास पर करारा व्यंग्य किया। फ़िल्म ने अपने मनोरंजन और संदेश के संतुलन से ₹792 करोड़ वर्ल्डवाइड कमाए और क्रिटिक्स के साथ पब्लिक—दोनों से वाहवाही लूटी।
पीके की सक्सेस फ़ॉर्मूला
- कंट्रोवर्सी + कॉमेडी = ज़बर्दस्त वर्ड-ऑफ़-माउथ
- अनोखा एलियन-करेक्टर, आमिर का भोजपुरी टच
- हिरानी का इमोशनल क्लाइमैक्स

3️⃣ दंगल (2016) – ₹2070 करोड़, भारत की पहली 2000+ करोड़ क्लब फ़िल्म
‘महावीर सिंह फोगाट’ की बायोपिक दंगल ने चीन समेत कई देशों में तहलका मचा दिया। कुश्ती-दंगल, ‘हानिकारक बापू’ गीत और “गोल्ड लाके रहूँगी” डायलॉग ने फ़िल्म को कल्ट बना दिया। ₹2070 करोड़ वर्ल्डवाइड के साथ दंगल ने ‘बाहुबली’ से पहले ही ग्लोबल बॉक्स-ऑफिस पर झंडा गाड़ दिया।
HEIGHLIGHTS…
- चीन में ₹1300 करोड़ से ज़्यादा का अप्रत्याशित बिज़नेस
- स्पोर्ट्स-ड्रामा + फेमिनिस्ट थीम
- आमिर का 97 किलो से 68 किलो तक का ट्रांसफ़ॉर्मेशन
हैट्रिक की ताक़त: आमिर की “कंटेंट + स्टारडम” स्ट्रैटेजी
फ़िल्म | रिलीज़ वर्ष | वर्ल्डवाइड कलेक्शन | IMDb रेटिंग |
---|---|---|---|
धूम 3 | 2013 | ₹558 करोड़ | 5.4 |
पीके | 2014 | ₹792 करोड़ | 8.1 |
दंगल | 2016 | ₹2070 करोड़ | 8.3 |
सोलो रिलीज़ विंडो: तीनों फ़िल्में क्रिसमस/New Year स्लॉट में आईं, कॉम्पिटीशन न्यूनतम रहा।
पैन-इंडिया + पान-चाइना स्ट्रैटेजी: दंगल ने ‘वोल्फ वॉरियर’ सीरीज़ के साथ चीन में भारतीय फ़िल्मों की राह आसान की।
विषय-विविधता: ऐक्शन-थ्रिलर → सोशल सैटायर → स्पोर्ट्स-बायोपिक; हर बार नया फ़्लेवर।
क्यों अहम है ‘सितारे ज़मीन पर’ आमिर के लिए?
आमिर की पिछली फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा (2022) अपेक्षा पर खरी नहीं उतरी। इसलिए 20 जून 2025 को रिलीज़ होने वाली ‘सितारे ज़मीन पर’ पर उनकी वापसी की ज़िम्मेदारी है। यह 2007 की कल्ट हिट ‘तारे ज़मीन पर’ का सीक्वल है, जिसमें डाइसलैक्सिया-थीम अब इंक्लूसिव एजुकेशन + पैरालिम्पिक सपनों तक विस्तृत होने की चर्चा है।
बॉक्स-ऑफ़िस एक्सपर्ट की राय
- हटके विषय आमिर का यूएसपी है; ऑडियंस कंटेंट-ड्रिवन फ़िल्मों के लिए तैयार है।
- क्रिसमस के बजाय ग्रीष्मकालीन रिलीज़ नई स्ट्रेटेजी हो सकती है।
- अगर फ़िल्म 400+ करोड़ वर्ल्डवाइड कर लेती है, तो आमिर का स्टारडम फिर साबित होगा।
निष्कर्ष
आमिर ख़ान ने तीन साल के भीतर तीन अलग-अलग जॉनर की फ़िल्मों से जो बेंचमार्क सेट किया, उसे पार करना आज भी मुश्किल है। धूम 3 ने जहां ऐक्शन-थ्रिलर में आमिर की पकड़ दिखाई, वहीं पीके ने कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा की ताक़त साबित की और दंगल ने ग्लोबल बॉक्स-ऑफ़िस को चौंकाया। अब सबकी निगाहें ‘सितारे ज़मीन पर’ पर हैं—क्या आमिर फिर नया रिकॉर्ड बना पाएंगे? जवाब 20 जून 2025 को मिलेगा। तब तक के लिए, फिल्मी इतिहास की इस सुनहरी हैट्रिक को सलाम!