
🗓️ बांग्लादेश धमाका 2025 में फिर से हिंसा की लपटें
ढाका | 13 नवंबर 2025
बांग्लादेश की राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में पिछले 24 घंटे के भीतर 17 बसों को आग के हवाले कर दिया गया और 5 धमाकों की खबर आई है। यह हिंसा तब शुरू हुई जब शेख हसीना के खिलाफ चल रहे इंटरनेशनल कोर्ट केस पर पहला फैसला आने वाला था।
सरकार का आरोप है कि यह आगजनी आवामी लीग (Awami League) के उग्र समर्थकों ने की, जबकि विपक्ष का कहना है कि यह हिंसा यूनुस सरकार के इशारे पर फैल रही है। 65 इंच वाला सबसे सस्ता TV, ₹34,999 में मिलेंगे कई जबरदस्त फीचर्स

🚨 हिंसा की शुरुआत कहां से हुई?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार सुबह ढाका के कमालपुर स्टेशन और गोपालगंज PWD ऑफिस के बाहर आवामी लीग के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
पहले यह शांतिपूर्ण रैली थी, लेकिन जैसे-जैसे कोर्ट फैसले की घड़ी नज़दीक आई, प्रदर्शन हिंसक रूप लेने लगा।
आंदोलनकारियों ने देखते ही देखते 2 बसों में आग लगा दी, जिसके बाद ढाका, नारायणगंज, मेमनसिंह जैसे इलाकों में हिंसा फैल गई।
शाम तक ढाका में 5 जगहों पर धमाके हुए, जिससे पूरे शहर में दहशत फैल गई।
⚖️ हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट का केस
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जुलाई 2024 के दौरान हुए विद्रोह (Rebellion) में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप हैं।
उन पर यह आरोप है कि उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिससे कई निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी।
यह मामला अब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चल रहा है, और 13 नवंबर 2025 को कोर्ट का पहला फैसला आने वाला है।
आवामी लीग को डर है कि अगर यह फैसला हसीना के खिलाफ जाता है, तो उनकी बांग्लादेश वापसी और राजनीतिक भविष्य दोनों खत्म हो सकते हैं।
💬 शेख हसीना का बयान: “यूनुस सरकार अमेरिका का मोहरा”
शेख हसीना इस समय दिल्ली में हैं और वहीं से लगातार बयान दे रही हैं।
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा —
“वर्तमान यूनुस सरकार अमेरिका की कठपुतली है। वह बांग्लादेश को अपने हितों के लिए बेच रही है।”
हसीना ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाया कि वे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर विदेशी शक्तियों के हाथों खेल रहे हैं।
🧨 यूनुस सरकार ने लगाया पलटवार
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री डॉ. मुहम्मद यूनुस की सरकार ने हसीना के आरोपों को “राजनीतिक नाटक” बताया।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा —
“यह हिंसा हसीना के कहने पर करवाई जा रही है। वह चाहती हैं कि बांग्लादेश फिर से आग में झोंक दिया जाए ताकि कोर्ट का फैसला प्रभावित हो सके।”
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे 13 नवंबर को घरों में रहें और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचें।
🛡️ सेना की तैनाती और गिरफ्तारियां
ढाका, चिटगांव, और मेमनसिंह जैसे बड़े शहरों में स्थिति काबू में लाने के लिए सेना और पुलिस की संयुक्त तैनाती की गई है।
बांग्लादेश पुलिस ने बताया कि अब तक 100 से अधिक आवामी लीग कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें से कई को ढाका और गोपालगंज से पकड़ा गया, जहां सबसे अधिक हिंसा हुई थी।
सरकार ने खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

🏙️ ढाका लॉकडाउन और डर का माहौल
ढाका में अनौपचारिक लॉकडाउन जैसी स्थिति है।
मुख्य सड़कों पर बैरिकेड लगाए गए हैं और कई बाजार बंद करवा दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे 2018 के चुनावी दंगों के बाद पहली बार इतनी भारी सुरक्षा देख रहे हैं।
सामान्य नागरिकों ने बताया कि “रात में सायरन और धमाकों की आवाज़ें सुनकर घर से निकलना मुश्किल हो गया है।”
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र (UN) और अमेरिका ने बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई है।
UN ने बयान जारी कर कहा —
“बांग्लादेश में शांति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों को संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी ढाका की स्थिति पर नज़र रखे जाने की बात कही और कहा कि “हिंसा से लोकतंत्र कमजोर होता है।”
📉 राजनीतिक अस्थिरता की ओर बांग्लादेश
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बांग्लादेश एक बार फिर राजनीतिक संकट के मुहाने पर है।
अगर कोर्ट का फैसला हसीना के खिलाफ आता है, तो उनके समर्थक देशव्यापी प्रदर्शन कर सकते हैं।
वहीं अगर फैसला उनके पक्ष में आता है, तो यूनुस सरकार की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं।
कुल मिलाकर, ढाका से उठती आग और धमाकों की गूंज इस बात की चेतावनी है कि बांग्लादेश की राजनीति अब और अस्थिर होने वाली है।
🧾 निष्कर्ष
पिछले दो सालों में बांग्लादेश ने जितने राजनीतिक झटके झेले हैं, उतने शायद पिछले दशक में भी नहीं देखे गए।
17 बसों की आगजनी और 5 धमाकों ने देश की राजधानी को दहला दिया है।
अब सबकी नज़र इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले पर है, जो यह तय करेगा कि बांग्लादेश आगे शांति की राह पर चलेगा या फिर आग और बारूद की राजनीति में फंस जाएगा।
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