धरती का घूमना यानी उसका रोटेशन हमारे जीवन का आधार है। यही वह प्रक्रिया है जिससे दिन और रात बनते हैं। आमतौर पर एक दिन 24 घंटे का होता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि धरती पहले से तेज घूम रही है, जिससे दिन छोटे हो रहे हैं। यह सुनने में छोटा बदलाव लग सकता है, लेकिन इसके पीछे छुपा है विज्ञान का बेहद रोचक तथ्य।
कितना छोटा हुआ दिन?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जुलाई 2024 को अब तक का सबसे छोटा दिन दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.66 मिलीसेकंड कम था। वहीं, 2025 के जुलाई-अगस्त महीने में 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त को दिन 1.3 से 1.51 मिलीसेकंड तक छोटे हो सकते हैं। यह आंकड़ा US Naval Observatory और International Earth Rotation and Reference Systems Service द्वारा साझा किया गया है।
धरती की स्पीड क्यों बढ़ रही है
वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की घूमने की गति कई कारणों से प्रभावित होती है:
🌑 1. चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल
प्राचीन काल में चंद्रमा धरती के करीब था और उसका गुरुत्वाकर्षण धरती के रोटेशन को धीमा करता था। लेकिन जैसे-जैसे चंद्रमा धरती से दूर हो रहा है, उसका ब्रेकिंग इफेक्ट कम हो रहा है जिससे रोटेशन तेज हो रहा है।
🌍 2. जलवायु परिवर्तन
पृथ्वी पर बर्फ का पिघलना, समुद्र का स्तर बढ़ना और भूजल का प्रवाह धरती के द्रव्यमान (mass distribution) को बदलते हैं, जिससे घूमने की गति प्रभावित होती है।
🌪️ 3. प्राकृतिक घटनाएं
भूकंप, ज्वालामुखी, समुद्री तूफान जैसी घटनाएं धरती की धुरी को थोड़ा झुका सकती हैं, जिससे रोटेशन स्पीड बदलती है।
क्या दिन छोटे होते रहेंगे?
यह बदलाव स्थायी नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये उतार-चढ़ाव अस्थायी हैं। लंबे समय में, दिन फिर से धीरे-धीरे लंबे होते जाएंगे। टेक्सास यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोफेसर क्लार्क आर. विल्सन का कहना है कि यह दीर्घकालिक प्रवृत्ति अरबों सालों से जारी है।
करोड़ों साल पहले कितने घंटे का होता था एक दिन?
- 2 अरब साल पहले: सिर्फ 19 घंटे का दिन होता था।
- 7 करोड़ साल पहले (T-Rex के समय): दिन था लगभग 23.5 घंटे का।
- आज: लगभग 24 घंटे का दिन।
इसका मुख्य कारण है कि चंद्रमा धीरे-धीरे धरती से हर साल लगभग 3.8 सेंटीमीटर दूर जा रहा है।
क्या हमें घबराने की जरूरत है?
नहीं, क्योंकि ये बदलाव बहुत छोटे स्तर पर हो रहे हैं – मिलीसेकंड में। हमारे दैनिक जीवन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन एटॉमिक क्लॉक्स, सैटेलाइट्स, और जीपीएस सिस्टम्स को यह बदलाव ध्यान में रखना पड़ता है।
निष्कर्ष
धरती का घूमना एक जटिल और वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो समय-समय पर बदलती रहती है। हालांकि हाल ही में दिन छोटे हो रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया स्वाभाविक और अस्थायी है। भविष्य में, पृथ्वी का रोटेशन फिर से धीमा हो सकता है और दिन लंबे हो सकते हैं।
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