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भारतीय रेलवे का खाना कौन बनाता है? जानिए हर प्लेट के पीछे की सच्चाई

भारतीय रेलवे का खाना कौन बनाता है? जानिए हर प्लेट के पीछे की सच्चाई ?

भारतीय रेल में सफर करते समय खाना एक अहम हिस्सा होता है, जो यात्रियों को ऊर्जा देने के साथ-साथ भारतीय व्यंजनों की विविधता का भी अनुभव कराता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन में जो खाना मिलता है, वो कौन बनाता है और कहाँ बनता है? आइए जानें IRCTC के इस व्यापक फूड नेटवर्क की सच्चाई।

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IRCTC – रेलवे भोजन की रीढ़

भारतीय रेलवे के अधिकांश खाने का प्रबंधन IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) करता है। यह सरकारी संगठन देशभर में फैले बेस किचन के जरिए खाना तैयार करता है, जो आधुनिक मशीनों से सुसज्जित होते हैं और जहाँ साफ-सफाई के उच्च मानक अपनाए जाते हैं।

उदाहरण के तौर पर, नई दिल्ली बेस किचन एक दिन में 20,000 से ज्यादा भोजन तैयार कर सकता है – जिसमें नाश्ता, लंच, डिनर और स्नैक्स शामिल होते हैं।

खाना कैसे बनता है – चरण दर चरण प्रक्रिया

  1. मेन्यू प्लानिंग: ट्रेन के रूट और यात्रियों की पसंद के अनुसार मेन्यू तय किया जाता है। आमतौर पर इसमें चावल, रोटी, दाल, सब्जी, अचार और मिठाई शामिल होती है।
  2. सामग्री की खरीदारी: ताजे फल, सब्जियां, अनाज, दूध और मसालों की रोजाना आपूर्ति होती है। IRCTC स्थानीय विक्रेताओं से सामग्री खरीदता है।
  3. साफ-सफाई और सुरक्षा: किचन स्टाफ ग्लव्स, हेयरनेट और एप्रन पहनते हैं। स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता के मानकों का पालन अनिवार्य है।
  4. खाना पकाना: बड़े-बड़े बर्तनों और मशीनों की मदद से खाना बनाया जाता है। इसमें ऑटोमैटिक रोटी बेलने और चावल पकाने वाली मशीनें शामिल हैं।
  5. पैकिंग: भोजन को सील किए गए पैकेट में रखा जाता है ताकि वह गर्म और साफ रहे।
  6. क्वालिटी चेक: हर खाने की थाली को भेजने से पहले जांचा जाता है – स्वाद, तापमान और पैकिंग की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाता है।

ट्रेन में खाना कैसे पहुँचता है?

भोजन को तैयार करने के बाद इसे विशेष ट्रेन स्टॉप्स पर चढ़ाया जाता है। लंबी दूरी की ट्रेनों में यह प्रक्रिया कई स्टेशनों पर दोहराई जाती है ताकि यात्रियों को ताजा और गर्म खाना मिल सके। प्रीमियम ट्रेनों जैसे राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस में पेंट्री कार होती है, जहाँ खाना गरम करके परोसा जाता है।

ई-कैटरिंग – एक आधुनिक सुविधा

IRCTC की ई-कैटरिंग सेवा के तहत यात्री ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते हैं। इसमें क्षेत्रीय रेस्तरां से खाना मंगवाने का विकल्प मिलता है, जो खासकर युवाओं में लोकप्रिय हो रहा है।

चुनौतियाँ और सुधार

रेलवे भोजन को लेकर कुछ यात्रियों की शिकायतें रही हैं – जैसे बासी खाना, कम क्वालिटी या स्वाद की कमी। इन समस्याओं को सुलझाने के लिए IRCTC ने कई कदम उठाए हैं:

  • नियमित ऑडिट और निरीक्षण
  • FSSAI मानकों के अनुसार खाना बनाना
  • मोबाइल ऐप और SMS से यात्रियों का फीडबैक लेना
  • स्टाफ को प्रशिक्षित करना

मुनाफा नहीं, सेवा प्राथमिकता

IRCTC भोजन से कोई भारी मुनाफा नहीं कमाता। इसका उद्देश्य यात्री सुविधा है। हालाँकि, ई-कैटरिंग और प्रीमियम सेवाओं से राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।

निष्कर्ष – रेलवे फूड का भविष्य

भारतीय रेलवे लगातार अपने खानपान में सुधार कर रहा है। यात्रियों की बढ़ती अपेक्षाओं के अनुरूप IRCTC न केवल परंपरागत थाली बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यंजन भी लाने की कोशिश में है। भविष्य में रेलवे खाना और भी स्वादिष्ट, स्वच्छ और सुविधाजनक होगा।

तो अगली बार जब आप ट्रेन में खाना खाएं, तो याद रखें – आपकी थाली का सफर भी एक रोमांचक यात्रा है, जो देश की विविधता और सेवाओं का प्रमाण है।

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