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🔥 कारों में आग, सड़कों पर सेना: लॉस एंजेलिस में उग्र हुए प्रदर्शन

🔥 कारों में आग, सड़कों पर सेना: लॉस एंजेलिस में उग्र हुए प्रदर्शन

📍 LA की सड़कों पर उबाल: क्या हो रहा है?

अमेरिका के लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन अब हिंसक हो चले हैं। शहर की सड़कों पर कारों में आग लगाई जा रही है, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हो रही हैं, और अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि US नेशनल गार्ड को सड़कों पर उतारना पड़ा है।

यह सब तब शुरू हुआ जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई सख़्त इमिग्रेशन रणनीति के तहत 3,000 अवैध प्रवासियों की दैनिक गिरफ्तारी का लक्ष्य घोषित किया। इसके खिलाफ लोगों में भारी असंतोष फैल गया है।

🔥 आग में घिरी गाड़ियाँ: प्रदर्शन कितना खतरनाक हो चुका है?

रविवार रात LA के डाउनटाउन इलाके में Waymo की सेल्फ-ड्राइविंग कारें जला दी गईं। पुलिस के अनुसार, दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया, वाहनों पर पत्थर और कंक्रीट के टुकड़े फेंके और फेडरल बिल्डिंग के बाहर हंगामा किया।

LAPD (Los Angeles Police Department) ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर बुलेट और फ्लैश बैंग का प्रयोग किया। अब तक 5 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं, जबकि दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।

🪖 क्यों उतारी गई नेशनल गार्ड?

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 700 US Marines को LA में तैनात करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने 2,000 और नेशनल गार्ड को अलर्ट पर रखा है।

डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने कहा:

“अगर कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम कुछ नहीं कर सकते, तो हम फेडरल अफसरों की रक्षा ज़रूर करेंगे।”

हालांकि, अभी तक Insurrection Act लागू नहीं किया गया है, इसलिए Marines सीधे पुलिसिंग नहीं कर सकते। वे केवल फेडरल संपत्ति और अफसरों की सुरक्षा तक सीमित रहेंगे।

⚖️ राज्य बनाम केंद्र: संवैधानिक टकराव

कैलिफ़ोर्निया सरकार ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को फेडरल कोर्ट में चुनौती दी है। गवर्नर गेविन न्यूसम ने इसे राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए कहा कि:

“हमारे राज्य की अनुमति के बिना सेना की तैनाती असंवैधानिक है।”

यह विवाद अब केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिका के फेडरल सिस्टम में कानूनी और संवैधानिक बहस का मुद्दा बन गया है।

🗺️ प्रदर्शन सिर्फ LA तक नहीं

लॉस एंजेलिस में शुरू हुआ यह आंदोलन अब न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, सैन फ्रांसिस्को, शिकागो और अटलांटा जैसे शहरों तक फैल चुका है। सोमवार को देशभर में 9 बड़े शहरों में प्रदर्शन हुए।

इनमें से कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी देखी गईं। कुछ जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।

📸 वायरल दृश्य और सोशल मीडिया की भूमिका

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को “Shame! Shame!” और “Pigs go home!” जैसे नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। कुछ वायरल क्लिप्स में कारों को जलाते, पुलिस पर बोतलें फेंकते, और तंबू लगाकर सड़कों को जाम करते हुए प्रदर्शनकारी दिखाई दिए।

❓ आगे क्या?

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या फोर्स की ताकत से आंदोलन काबू में आएगा, या इससे और भड़क सकता है? ट्रंप समर्थकों का कहना है कि “कानून-व्यवस्था ज़रूरी है”, जबकि विरोधियों का मानना है कि “यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।

🔚 निष्कर्ष

लॉस एंजेलिस में आग, गुस्सा और गोलियाँ — अमेरिका की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। ट्रंप की इमिग्रेशन नीति और उसके खिलाफ खड़ा जनसैलाब अब टकराव के ऐसे मोड़ पर है, जहाँ से लौटना आसान नहीं दिखता।

क्या नेशनल गार्ड की तैनाती से शांति बहाल होगी या लोकतांत्रिक असहमति की आग और फैलेगी — ये आने वाले दिनों में साफ़ होगा।

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