Newztrending

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब NEET PG 2024 सिर्फ एक ही शिफ्ट में! क्या होगा आपका स्कोर?

🏛️ सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: NEET PG अब एक ही शिफ्ट में

सुप्रीम कोर्ट ने 14 जून को होने वाली NEET PG 2024 परीक्षा के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। अब यह परीक्षा सिर्फ एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। यह फैसला उस याचिका पर आया है जिसमें छात्रों ने परीक्षा को दो शिफ्ट में कराने पर आपत्ति जताई थी।

Conducted ByNational Testing Agency
Name of ExaminationNational Eligibility cum Entrance Test – Undergraduate 2025
Courses OfferedMBBS, BDS, and other UG medical courses
Exam DateMay 4, 2025
Result Release DateJune 14, 2025 (Expected)
Total Candidates AppearedApproximately 20.8 lakh
CategoryResult
Official Websitehttps://neet.nta.nic.in/

📚 याचिका में क्या कहा गया था?

छात्रों ने कोर्ट में दलील दी कि:

  • दो शिफ्ट में अलग-अलग क्वेश्चन पेपर होते हैं।
  • इससे पेपर के डिफिकल्टी लेवल में अंतर आ जाता है।
  • इसका असर मार्क्स और रैंकिंग पर पड़ता है।
  • एक नंबर से भी किसी की ब्रांच (जैसे रेडियोलॉजी, गाइनोकोलॉजी) बदल सकती है।

⚖️ कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई करते हुए NBE (National Board of Examination) को फटकार लगाई और कहा:

“नॉर्मलाइजेशन सिर्फ एक्सेप्शनल केस में किया जाना चाहिए, न कि रूटीन परीक्षाओं में। दो शिफ्ट में एक जैसे कठिनाई स्तर के पेपर संभव नहीं हैं।”

📅 NEET PG 2024 की परीक्षा डेट

  • परीक्षा की तारीख: 15 जून 2024
  • एडमिट कार्ड जारी होंगे: 2 जून 2024
  • सीट्स की संख्या: लगभग 52,000
  • आवेदक: करीब 2 लाख MBBS ग्रेजुएट्स

🔁 पिछली बार क्या हुआ था?

2023 में पहली बार NEET PG को दो शिफ्ट में आयोजित किया गया था:

  • पहली शिफ्ट: सुबह 9:00 से दोपहर 12:30
  • दूसरी शिफ्ट: दोपहर 3:30 से शाम 7:00

इस फॉर्मेट पर भारी विवाद और विरोध हुआ था।

🗣️ कोर्ट रूम की अहम दलीलें

  • याचिकाकर्ता के वकील: NEET UG भी एक शिफ्ट में होता है, जबकि उसमें ज्यादा छात्र होते हैं।
  • NBE: परीक्षा ऑनलाइन है, सेंटर लिमिटेड हैं, नॉर्मलाइजेशन हो रहा है।
  • सुप्रीम कोर्ट: UG में संख्या ज्यादा होने के बावजूद एक शिफ्ट में एग्जाम होता है, फिर PG क्यों नहीं?

💡 नॉर्मलाइजेशन क्या है?

नॉर्मलाइजेशन एक मैथमैटिकल प्रक्रिया है जो शिफ्ट के अनुसार स्कोर को एडजस्ट करती है। इसे इस तरह समझें:

  • मान लीजिए तीन सेट A, B, C हैं।
  • A का औसत स्कोर: 70
  • B का: 75
  • C का: 80

इसमें C को आसान और A को मुश्किल माना जाएगा। तो A वालों को बोनस मार्क्स मिलते हैं और C वालों के मार्क्स घटते हैं। यही छात्रों को गलत लगता है।

📢 छात्रों की मांग

  • एक ही शिफ्ट में परीक्षा हो
  • नॉर्मलाइजेशन हटे
  • क्वेश्चन पेपर और आंसर की पब्लिश हो

सुप्रीम कोर्ट की सख्त हिदायतें

  • एक शिफ्ट में परीक्षा करवाई जाए
  • ट्रांसपेरेंसी रखी जाए
  • सेंटर की संख्या बढ़ाई जाए
  • कोई भी तकनीकी कारण पारदर्शिता में बाधा न बने

📆 पहले भी आया था ट्रांसपेरेंसी का मुद्दा

22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक और याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें सभी डीम्ड और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को फीस डिटेल्स सार्वजनिक करने का आदेश दिया गया था।

🔍 परीक्षा पारदर्शिता क्यों जरूरी है?

  • करियर का फैसला एक नंबर से होता है
  • छात्रों की मेहनत का सही मूल्यांकन जरूरी है
  • फेयर प्ले से ही मेडिकल फील्ड में योग्य डॉक्टर मिलेंगे

“RRB Admit Card 2025 जारी! यहां से करें सीधा डाउनलोड, जानें पूरा प्रोसेस और जरूरी दस्तावेज”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *