सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। साल 2025 में सावन की शुरुआत 10 जुलाई से हो रही है और ये महीना शिवभक्तों के लिए एक विशेष अवसर लेकर आता है। इस पवित्र समय में देशभर के मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे 12 स्थान हैं जहां स्वयं भोलेनाथ प्रकट हुए थे? यही हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग, जिनकी पूजा से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
🔱 क्या हैं ज्योतिर्लिंग?

‘ज्योति’ का अर्थ है प्रकाश और ‘लिंग’ का अर्थ है शिव का प्रतीक। जब भगवान शिव स्वयं तेजोमय रूप में किसी स्थान पर प्रकट होते हैं, उस स्थान को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। ये स्थल सिर्फ मंदिर नहीं, बल्कि शक्ति और भक्ति के केंद्र हैं।
🌍 देश के 12 ज्योतिर्लिंग: स्थान, महत्व और कहानी
1️⃣ सोमनाथ ज्योतिर्लिंग – गुजरात
भारत का पहला ज्योतिर्लिंग, जहां चंद्रमा ने भगवान शिव की तपस्या की थी। इसका इतिहास 2000 साल से भी पुराना है।
स्थान: वेरावल, सौराष्ट्र, गुजरात
विशेषता: इतिहास में कई बार टूटा, लेकिन हर बार और भव्य रूप में पुनर्निर्मित हुआ।
2️⃣ मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – आंध्र प्रदेश
यह दक्षिण का कैलाश माना जाता है। माना जाता है कि शिव-पार्वती ने यहां कार्तिकेय को मनाने के लिए निवास किया था।
स्थान: श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश
विशेषता: यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जो शक्ति पीठ भी है।
3️⃣ महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्य प्रदेश
कालों के काल, महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित यह ज्योतिर्लिंग मृत्यु को भी नियंत्रित करने वाला माना जाता है।
स्थान: उज्जैन, मध्य प्रदेश
विशेषता: भस्म आरती विश्वप्रसिद्ध है।
4️⃣ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्य प्रदेश
नर्मदा नदी के द्वीप पर ओंकार के आकार में बसा ये ज्योतिर्लिंग श्रद्धा और शांति का अद्भुत मेल है।
स्थान: खंडवा, मध्य प्रदेश
विशेषता: नदी के बीच स्थित होने के कारण इसे द्वीपलिंग भी कहा जाता है।
5️⃣ केदारनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तराखंड
हिमालय की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल केवल तीर्थ नहीं, बल्कि अध्यात्म की ऊंचाई का प्रतीक है।
स्थान: रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
विशेषता: पंच केदार में सबसे प्रमुख, हर साल लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं।
6️⃣ भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र
यहां शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। जंगलों के बीच स्थित यह स्थान प्रकृति और भक्ति का संगम है।
स्थान: पुणे के पास
विशेषता: सह्याद्रि पर्वत की गोद में बसा हुआ मंदिर।
7️⃣ काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तर प्रदेश
काशी को मोक्ष की नगरी माना जाता है। शिवजी स्वयं यहां काल से रक्षा करते हैं।
स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
विशेषता: मरते समय यहां ‘राम नाम’ और ‘हर हर महादेव’ सुनना मोक्षदायक माना जाता है।
8️⃣ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र
गोदावरी नदी के उद्गम स्थल पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की प्रतीक है।
स्थान: नासिक, महाराष्ट्र
विशेषता: यहां केवल एक लिंग में तीनों देवों की प्रतिकृति मौजूद है।
9️⃣ वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग – झारखंड
शिव को वैद्य कहे जाने का कारण यही है। रावण ने जब शिव को खुश करने के लिए यहां तप किया, तो शिव स्वयं प्रकट हुए।
स्थान: देवघर, झारखंड
विशेषता: सावन में यहां शिवभक्तों की सबसे लंबी कांवर यात्रा होती है।
🔟 नागेश्वर ज्योतिर्लिंग – गुजरात
यह स्थल समुद्र के किनारे स्थित है, जहां शिव ने दारुक राक्षस का संहार किया था।
स्थान: द्वारका के पास
विशेषता: समुद्री हवाओं में शिव की दिव्यता और शांति का अनुभव होता है।
1️⃣1️⃣ रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग – तमिलनाडु
यहां राम ने रावण वध से पहले शिवलिंग की स्थापना की थी।
स्थान: रामेश्वरम, तमिलनाडु
विशेषता: एकमात्र ज्योतिर्लिंग जिसे भगवान विष्णु (राम) ने स्थापित किया।
1️⃣2️⃣ घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र
यह सबसे छोटा और अंतिम ज्योतिर्लिंग है। कहा जाता है यहां भगवान शिव ने एक भक्त महिला की तपस्या से प्रसन्न होकर दर्शन दिए थे।
स्थान: एलोरा की गुफाओं के पास
विशेषता: यहीं पर प्रसिद्ध एलोरा मंदिर परिसर भी है।
🕉️ सावन में क्यों करें ज्योतिर्लिंग दर्शन?
- भक्तों को मिलता है विशेष पुण्य
- शिव की कृपा से जीवन के संकट समाप्त होते हैं
- सावन में जल अर्पण और व्रत का विशेष महत्व है
- ज्योतिर्लिंग यात्रा से जन्म-जन्म के दोष समाप्त होते हैं
📿 निष्कर्ष: सावन 2025 में शिव के चरणों में शरण लें
भगवान शिव स्वयं को न्योछावर करने वाले देवता हैं। अगर आप सावन 2025 को विशेष बनाना चाहते हैं, तो देश के किसी एक ज्योतिर्लिंग की यात्रा अवश्य करें। यह न केवल अध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि आपके जीवन में अद्भुत सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
Also read this-
स्थानिक जीवन के लिए ज्योतिष: एस्ट्रोकार्टोग्राफी से समझें कहां बनती है किस्मत ?