
महिला अधिकारों की जीत
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा कि किसी भी महिला कर्मचारी को गर्भावस्था अवकाश (मैटरनिटी लीव) से वंचित नहीं किया जा सकता।
केस का विवरण
एक सरकारी शिक्षक को मैटरनिटी लीव देने से इनकार किया गया था, क्योंकि उसकी नियुक्ति अनुबंध पर थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को गलत बताया।
कोर्ट की टिप्पणी
- “गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।”
- “हर महिला को यह अधिकार मिलना चाहिए, चाहे वह स्थायी कर्मचारी हो या संविदा पर।”
फैसले के प्रभाव
- सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों को लाभ
- कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली महिलाएं भी अब सुरक्षित
महिलाओं में जागरूकता की आवश्यकता
इस फैसले के बाद महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति और सजग रहने की जरूरत है। HR नीतियों की स्पष्ट जानकारी अनिवार्य है।
1 comment on “⚖️ सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: महिला कर्मचारी को मैटरनिटी लीव से नहीं रोका जा सकता ?”